जिस्म की ज्वाला हुई शांत होटल में भैया के साथ | हिंदी सेक्स स्टोरी

मेरा नाम ऐजा खान है मैं 28 साल की हूँ। मैं बहुत ही चुड़क्कड़ स्वभाव की हूँ। मुझे मोटा लंड बहुत पसंद है। और मुझे जो देर तक चोद सके उसका तो मैं कायल हूँ। पर किस्मत को ये सब पसंद नहीं था और मेरी शादी एक ऐसे इंसान से हो गई जो देखने में तो लंबा तगड़ा था इंजीनियर था पेशे से पर चुदाई में बेकार था। और जो सबसे ख़राब आदत थी उसकी वो भी शाम को दारू पीना। जब दारू पि लेता था तब तो वो और भी बेकार हो जाता उसका लौड़ा फिर खड़ा ही नहीं होता था। अब आप खुद सोचिये जो नंगी बेड पर लेती हो चूचियां दोनों तनी हुई हो और चूत गीली हो और उसका पति सो जाये तो क्या करेगा। अगर मैं गलत बोल रही हूँ तो आप बताओ?

मैं तंग आ गई थी आखिर कार मुझे अपने मायका आना पड़ा। मैंने अपने पति का घर छोड़ दिया। करती क्या ? तंग हो चुकी थी मैं। रहने लगी अपने मम्मी के साथ, मेरे एक भैया है अपना नहीं मैं उनको भैया बोलती हूँ। ऐसे मैं फरीदाबाद में रहती हूँ और भैया दिल्ली के अशोक विहार में रहते हैं। मैं उनके लिए डाटा एंट्री का काम करती हूँ तो कभी कभी मिलने भी जाती हूँ। पर जब से मैं अपने पति को छोड़ी थोड़ा ज्यादा जाने लगी।

वो मेरी चूचियों का दीवाना हैं। क्यों की जब भी झुकी उनका ध्यान मेरे चूचियों पर चला जाता था। वो कहते थे साडी पहनो जब मेरे से मिलने आओ क्यों की साडी में जिस्म सही से दीखता है अगर माल हॉट हो तो। पेट के साइड से और आँचल के निचे से पता चल जाता है बूब्स कितना बड़ा है। और साडी थोड़ी पतली हो तो क्या कहने फिर से दुकानदार बूब देखकर ही ब्रा निकाल कर दे देगा बिना पूछे की कितना नंबर का ब्रा होता है।

दोस्तों धीरे धीरे बात बढ़ने लगी और वो मेरे करीब आ गए यानी दिल के करीब अब उनके मुँह से सुनना चाहती थी की क्या मेरे साथ चलोगी बाहर।और वो दिन भी आ गया एक दिन जब उनसे मिलने गई तो उन्होंने मुझे ऑफर किया की क्या हम बाहर घूमने जा सकते हैं ?

पर दिक्कत ये थी की उसी दिन शाम को मेरे पति के घर वाले और पति मेरे घर पर आने वाले थे मुझे मनाने। ताकि तलाक मत लो। उनको क्या पता था जब चुदाई नहीं तो साथ क्या रहना। मैं बोली फ्री तो हूँ पर शाम के 6 बजे तक फिर मुझे फरीदाबाद निकलना होगा। और अभी 11 बज रहे हैं देख लो मैं इतने देर तक फ्री हूँ। वो भैया खुश हो गए बोले बहुत है। और उन्होंने तुरंत ही ऑनलाइन होटल बुक किया और हम दोनों कैब मांगकर होटल चले गए।

होटल में पति पत्नी के नाम पर एंट्री लिए और दरवाजा बंद करते ही वो मेरे ऊपर टूट पड़े सच तो ये भी है की मैं ज्यादा टूट पड़ी और ऐसा लग रहा था की होटल के कमरे में कुस्ती हो रही हो एक दूसरे को वाइल्ड तरीके से किश कर रहे थे वो मेरी चूचियों को जोर से दबा रहे थे मेरे गर्दन गाल होठ पीठ बांह कांख पीठ चूतड़ पर किश कर रहे थे अपना जीभ मेरे नाभि में डाल रहे थे। मैं पागल हो गई थी ऐसी ही चाहती थी मुझे कोई कामुक करे। ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

उसके बाद उन्होंने सारे कपडे अपने उतार दिए और फिर मेरे कपडे उतार दिए बस ब्रा और पेंटी छोड़ दी। अब मुझे बेड पर लिटा कर मेरे पैर के तलवे से लेकर मेरे सिर के बाल तक जीभ फिरा रहे थे आप खुद सोचिए क्या हाल होगा किसी लड़की को या किसी औरत को। मैं तो पानी पानी हो गई थी मेरे चूत से गर्म गर्म पानी निकलने लगा मेरे मुँह से सिसकारिआं आने लगी। मैं खुद ही अपनी चूचियों को दबा रही थी अपने होठ को दांत से काट रही थी बार बार मेरा होठ सुख रहा था तो अपने होठ पर जीभ फिरा रही थी।

दोस्तों उन्होंने मेरे चूत को चाटना शुरू किया और अपना नाक तक मेरी चूत में घुसाने लगे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं खुद उनके बालों को पकड़ पर अपने चूत में रगड़ रही थी। पैर फैलाकर क्या बताऊँ मेरे शरीर में कैसी सिहरन हो रही थी। मजा आ गया था। उन्होंने मेरे मुँह में अपना लंड घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगी फिर मैं उनके लंड को पकड़ ली और आइस क्रीम की तरह चूसने लगी उनके लंड से नमकीन माल निकलने लगा था और मैं उस नमकीन स्वाद का मजा ले रही थी।

उन्होंने फिर मुझे उलटा घुमा दिया मैं पेट के बल आ गई और उन्होंने मेरे चूतड़ को दोनों हाथो से अलग अलग किया और मेरी गांड के छेद को चाटने लगे। मैं तो परेशां हो गई लग रहा था घुसा दे चाहे चुत में या गांड में या मेरे नाभि में छेद कर दे अपने लौड़े से। दोस्तों उसके बाद उन्होंने अपना मोटा लौड़ा निकाला थोड़ा थूक लगाया और मेरी मोटी गांड में पेल दिया अब शुरू हो गया था जिस्म की आग शांत करने का समय। मैं गाँड़ मरवाने लगी पर अपना चूत में बेड पर रगड़ रही थी आप विस्वास नहीं करेंगे। वह की बेडशीट गीली हो गई थी मेरे चूत की पानी से।

उन्होंने मुझे सीधा किया और फिर मेरे दोनों पैर अपने कंधे पर रखे और मेरे चूत

में लंड घुसा दिया पहली बार मेरे चूत में ऐसा लौड़ा गया अंदर तक। मैं खुश हो गई मेरी आग और बढ़ गई अब वो धक्के देने लगे। जोर जोर से जैसे जैसे धक्के देते मेरी चूचियां फूटबाल की तरह हिलती और मेरा पूरा शरीर हिल जाता मैं कस कर बेडशीट पकड़ रखी थी। मैं आह आह आह ओह्ह ओह्ह ओह्ह की आवाज़ निकल रही थी और वो भी जोर जोर से मुझे चोद रहे थे। फिर अलग अलग तरीके से करीब ५ घंटे तक चोदा थोड़ा समय ले ले कर।

दोस्तों आज भैया ने होटल में मेरी वासना शांत की जो कब की प्यासी थी। मुझे बहुत पसंद आया मेरी चुदाई होटल में। अब देखिये आगे आगे क्या होता है।

2 thoughts on “जिस्म की ज्वाला हुई शांत होटल में भैया के साथ | हिंदी सेक्स स्टोरी”

Leave a Comment